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मंदिर निर्माण को लेकर दादाजी धूनी वाले मंदिर निर्माण समिति की बैठक संपन्न।

आयोजित बैठक में सांसद विधायक भी वर्चुअल जुड़े।

मंदिर निर्माण को लेकर दादाजी धूनी वाले मंदिर निर्माण समिति की बैठक संपन्न।

आयोजित बैठक में सांसद विधायक भी वर्चुअल जुड़े।

खंडवा। विगत 25 वर्षों से भी अधिक समय से दादाजी भक्तों की मांग थी कि दादाजी धाम पर भव्य संगमरमर का मंदिर बने। दादाजी की इच्छा एवं आशीर्वाद से मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ और विगत दिनों दादाजी धाम पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, साधु संतो एव जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में कन्याओं द्वारा मंदिर निर्माण का मंत्रोच्चार के साथ भूमि पूजन कार्य संपन्न हुआ। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया देश के बड़े मंदिरों की तर्ज पर दादाजी धाम पर भव्य संगमरमर के मंदिर का निर्माण होगा जिसकी अनुमानित लागत 80 करोड रुपए है। मंदिर का नक्शा एवं डिजाइन बन चुका है। दादाजी धाम पर विगत दिनों सर्वे का कार्य भी पूर्ण हुआ है। संभावना है कि 3 वर्ष के अंदर दादाजी धाम पर मंदिर का निर्माण होगा जो पांचवा धाम कहलाएगा। हम देख रहे हैं कि मंदिर भूमि पूजन के साथ ही जिले में विकास कार्यो को भी गति मिली है। प्रतिमाह मंदिर को लेकर मंदिर निर्माण समिति की बैठक आयोजित की जाती है।जिसमें कई बिंदुओं पर विचार विमर्श और चर्चा होतीं है। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में दादाजी धूनी वाले मंदिर निर्माण समिति की बैठक ली। इस दौरान पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार राय, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती अंशु जावला और एसडीएम खंडवा श्री बजरंग बहादुर सिंह सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थें। सांसद श्री ज्ञानेश्वर पाटिल और विधायक श्रीमती कंचन तन्वे बैठक में वर्चुअली शामिल हुए। बैठक में आर्किटेक्ट द्वारा ‘‘व्हाइट मार्बल टेंपल केस स्टडी‘‘ संबंधी प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि श्री मुकेश तन्वे, श्री धर्मेंद्र बजाज, भरत झवर, गणेश कनाडे, राकेश बंसल, तपन डोंगरे, शांतनु दीक्षित सहित समिति के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे। बैठक में तय किया गया कि इस माह के अंत में मंदिर निर्माण समिति की विस्तृत बैठक क्षेत्रीय सांसद, विधायक, अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों और मंदिर निर्माण समिति के सदस्यों की उपस्थिति में पुनः आयोजित की जाएगी, जिसमें मंदिर की संभावित डिजाइन, मंदिर की दीवारों और खंभों पर बनने वाले प्रतीक चिन्ह तथा मंदिर के नए भवन में की जाने वाली नक्काशी पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।

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